रेशम जैव प्रौद्योगिक अनुसंधान प्रयोगशाला के बारे में

पृष्ठभूमि

रेशमउत्पादन को आर्थिक रूप से संभाव्य बनाने हेतु परंपरागत प्रजनन तथा आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी प्रक्रिया को मिश्रित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय रेशम बोर्ड (केरेबो), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 1993 के दौरान बेंगलूरु में रेशम जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की ।

संस्थान अन्त:विषय तथा अप्तर्ससंस्थागत आंतरिक (केरेबो निधि प्राप्त) तथा अतिरिक्त भित्ति जैव प्रौद्योगिकी विभाग/विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (निधि प्राप्त) परियोजनाओं के माध्यम से परपोषी पौधों तथा रेशमकीट प्रभेदों के सुधार के लिए जैव प्रौद्योगिकी सल्यूशन प्रदान करता है जिसमें 4 मुख्य अनुसंधान कार्य-कलाप शामिल हैं :

  1. रेशमकीट जीनोमिक्स
  2. परपोषी पौधा जीनोमिक्स
  3. प्रोटियोमिक्स तथा
  4. आण्विक रोगविज्ञान
  5. रेशम जैव सामग्री
अपने अस्तित्व के पिछले दो दशकों में केन्द्र ने अपनी सुविधाएं, श्रम शक्ति, अन्य संस्थानों के साथ संबंध तथा सहयोग सहित विशेषज्ञता में विस्तार लाया है । संस्थान विभिन्न जैव चिकित्सीय तथा अन्य उद्देश्य के लिए जैव सामग्री के रूप में रेशम के उपयोग पर मूल्य वर्धित अनुसंधान करने की योजना भी बना रहा है ।